shiv chalisa in hindi for Dummies
shiv chalisa in hindi for Dummies
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धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर,
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
अर्थ- हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके more info बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥